इस प्लेयर की टीम इंडिया में हुई सरप्राइज एंट्री, देखें कैसी है इसकी पर्सनल लाइफ

स्पोर्ट्स डेस्क.बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट के लिए कुलदीप यादव का सिलेक्शन अचानक टीम में हो गया। उन्हें अमित मिश्रा के चोटिल होने की वजह से टीम में जगह मिली। यादव का सिलेक्शन बेहद सरप्राइजिंग रहा। भारतीय क्रिकेट के 82 साल के इतिहास में वो पहले चाइनामैन बॉलर हैं और उनके क्रिकेटर बनने की कहानी भी काफी दिलचस्प है।ईंट भट्ठा व्यापारी के घर हुआ जन्म…
कुलदीप यादव को अमित मिश्रा की जगह टीम में शामिल किया गया। ( दाएं फोटो में अपनी बहन के साथ कुलदीप यादव)
कुलदीप यादव को अमित मिश्रा की जगह टीम में शामिल किया गया। ( दाएं फोटो में अपनी बहन के साथ कुलदीप यादव)
अपने घर के लिए जाने के दौरान एयरपोर्ट पर कुलदीप।
अपने घर के लिए जाने के दौरान एयरपोर्ट पर कुलदीप।

– कुलदीप का जन्म यूपी के उन्नाव जिले के एक छोटे से गांव में ईंट भट्ठे के व्यापारी के घर 14 दिसंबर, 1994 को हुआ था।

– उनके पिता रामसिंह क्रिकेट के बहुत बड़े फैन रहे हैं और खुद भी क्रिकेटर बनना चाहते थे।
– जब उनका सपना पूरा नहीं हो सका, तो उन्होंने कुलदीप को क्रिकेटर बनाने के बारे में सोचा। बेटे के करियर के लिए कानपुर शिफ्ट हो गए।

– कुछ समय बाद उन्होंने लोकल क्लब में कुलदीप को क्रिकेट की प्रैक्टिस शुरू करवाई।

प्रैक्टिस मैच में किया था शानदार परफॉर्म

– हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ हुए दो दिवसीय वॉर्मअप मैच में उन्होंने भारत ‘ए’ की ओर से खेलते हुए दो रन देकर तीन विकेट लिए थे।
– इसके अलावा कुछ दिन पहले इंग्लैंड इलेवन के साथ हुए पहले प्रैक्टिस मैच में भी कुलदीप ने इंडिया ‘ए’ के लिए 5 विकेट लिए थे।
– कुलदीप ने पिछले रणजी सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लिए थे। इससे पहले दलीप ट्रॉफी में भी उन्होंने बेहतरीन बॉलिंग की थी।

अंडर-19 में हैट्रिक लेने वाले इकलौते इंडियन

– जाजमऊ में रोवर्स क्लब में क्रिकेट की ट्रेनिंग लेने वाले चाइनामैन बॉलर ने अंडर-15, अंडर-16 और अंडर-19 में बेहतरीन खेल दिखाया और फिर कभी पीछे मुड़कर नही देखा।
– अंडर-19 वर्ल्ड कप में हैट्रिक लेने वाले कुलदीप देश के इकलौते बॉलर हैं। आयरलैंड के खिलाफ मैच में उन्होंने ये कारनामा किया था।
– पिछले रणजी सीजन में कुलदीप ने सबसे ज्यादा विकेट लिए थे। इससे पहले दिलीप ट्राफी में भी उन्होंने बेहतरीन बॉलिंग की थी।

पांच साल पहले बीजेपी के विधायक बने रवि शर्मा जब जीते तो उम्मीद थी

झांसी : जिले के चारों विधानसभा क्षेत्रों में झांसी सीट पर भारतीय जनता पार्टी की स्थिति मजबूत रही है, लेकिन इस बार ये जीत का ये किला और क्रम दरक सकता है. पांच साल पहले बीजेपी के विधायक बने रवि शर्मा जब जीते तो उम्मीद थी कि वह लोगों के बीच पहुँच विकास कार्य करेंगे, लेकिन लोगों की मानें तो ऐसा नहीं हुआ. मेयर, केंद्रीय मंत्री भी बीजेपी की रहीं, इसके बाद भी झाँसी को स्मार्ट सिटी तक में शामिल नहीं करा पाए. हालत ये है कि झाँसी के गुमनावारा इलाके में जहां 2012 में जहां रवि शर्मा का स्वागत किया गया था, वहाँ लोगों को चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है. पानी की समस्या से जूझ रहे लोगों का कहना है कि विधायक ने पांच साल तक उनकी समस्या नहीं सुनी, इसलिए इलाके में किसी भी प्रत्याशी के घुसने की रोक के बैनर लगा दिए गये हैं. कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने मेयर पर मुकद्दमा लिखे जाने के बाद उनसे चुल्लू भर पानी में डूब मरने को बोल दिया था. वहीँ विधायक रवि शर्मा की पांच साल में संपत्ति कई गुना बढ़ गयी है.